#विश्व_क्षयरोग_दिवस #Tuberculosis_day
#24_March_2021
विश्व क्षयरोग दिवस कब मनाया जाता है? प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को दुनियाभर में विश्व क्षयरोग दिवस/विश्व तपेदिक दिवस/विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है। 2017 के लिए विश्व क्षय रोग दिवस का थीम “क्षय रोग (टीबी) की समाप्ति के लिए एकजुट हों” है। विश्व क्षय रोग दिवस’क्षय रोग से संबंधित समस्याओं और समाधान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और दुनिया भर में क्षय रोग नियंत्रण के प्रयासों का समर्थन करने के लिए मनाया जाता है। विश्व क्षयरोग दिवस का इतिहास: विश्व क्षय रोग दिवस’वर्ष 1982 में क्षय रोग बेसिलस की खोज करने वाले डॉ. रॉबर्ट कोच के जन्म दिवस पर 24 मार्च को मनाया जाता है। विश्व क्षयरोग दिवस का उद्देश्य: इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्व में क्षय रोग/टीबी/तपेदिक के प्रति जागरूकता बढ़ाना हैं। यह दिवस रोग को ख़तम करने हेतु समाधान ढूँढ़ने पर ज़ोर देता है। इस दिवस का महत्व टीबी को पूरी तरह से ख़तम करने के वैश्विक प्रयासों में तेजी और उसके चरणों में बदलाव करना है।
विश्व क्षय रोग (TB) दिवस का महत्व: विश्व क्षय रोग दिवस के माध्यम से हमें क्षय रोग जैसी समस्या के विषय में और इससे बचने के उपायों के विषय में बात करने में मदद मिलती है। हर साल “विश्व क्षय रोग दिवस” के अवसर पर स्वास्थ्य संगठनों, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों एवं अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा दुनिया भर में आम जनता में क्षय रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इन गतिविधियों में क्षय रोग की रोकथाम और इलाज पर संगोष्ठी, क्षय रोग की रोकथाम में शामिल संगठनों को पुरस्कृत करने के लिए पुरस्कार समारोह, क्षय रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए फोटो प्रदर्शनी और वितचित्र का आयोजन किया जाता है। क्षय रोग या टीबी किसे कहते है? क्षय रोग (Mycobacterium Tuberculosis) अर्थात टीबी एक संक्रामक रोग होता है, जो जीवाणु की वजह से पनपता है। यह जीवाणु शरीर के सभी अंगों में प्रवेश कर जाता है। हालांकि यह ज्यादातर फेफड़ों में ही पाया जाता है। मगर इसके अलावा आंत, मस्तिष्क, हड्डियां, जोड़ें, गुर्दे, त्वचा तथा हृदय भी क्षय रोग से ग्रसित हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वर्ष 2013 में 90 लाख लोग क्षय रोग से ग्रसित हुए, जिनमें से 15 लाख लोगों की मृत्यु हुई। भारत में करीब 20 लाख लोग इस बीमारी के शिकार हैं। क्षय रोग (TB) के लक्षण: तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी बुखार (जो खासतौर पर शाम को बढ़ता है) छाती में तेज दर्द वजन का अचानक घटना भूख में कमी आना बलगम के साथ खून का आना फेफड़ों में बहुत ज्यादा इंफेक्शन होना सांस लेने में तकलीफ क्षय रोग (TB) का संक्रमण कैसे फैलता है? क्षय रोग से संक्रमित रोगियों के कफ, छींकने, खांसने, थूकने और उनके द्वारा छोड़ी गई सांस से वायु में जीवाणु फैल जाते हैं, जोकि कई घंटों तक वायु में रह सकते हैं। जिस कारण स्वस्थ व्यक्ति भी आसानी से क्षय रोग (TB) का शिकार बन सकता हैl हालांकि संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने या उससे हाथ मिलाने से क्षय रोग नहीं फैलता है। जब क्षय रोग का जीवाणु सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंचता है तो वह कई गुना बढ़ जाता है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे बढ़ने से रोकती है, लेकिन जैसे-जैसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है, क्षय रोग के संक्रमण की आशंका बढ़ती जाती है। क्षय रोग (TB) के जांच के तरीके: क्षय रोग (TB) की जांच करने के लिए कई माध्यम हैं, जैसे- छाती का एक्स रे, बलगम की जांच, स्किन टेस्ट आदि। इसके अलावा आधुनिक तकनीक के माध्यम से आईजीएम हीमोग्लोबिन जांच कर भी टीबी का पता लगाया जा सकता है। अच्छी बात तो यह है कि इससे संबंधित जांच सरकार द्वारा निशुल्क करवाई जाती हैं। क्षय रोग (TB) से बचने के उपाय: दो हफ्तों से अधिक समय तक खांसी रहती है, तो चिकित्सक को दिखायें। बीमार व्यक्ति से दूरी बनायें। आपके आस-पास कोई बहुत देर तक खांस रहा है, तो उससे दूर रहें। अगर आप किसी बीमार व्यक्ति से मिलने जा रहे हैं या मिलकर आ रहे हैं तो अपने हाथों को जरूर धोलें। ऐसे पौष्टिक आहार लें जिसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन, खनिज लवण, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर हों क्योंकि पौष्टिक आहार हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। अगर आपको अधिक समय से खांसी है, तो बलगम की जांच जरूर करा लें।