कुछ करना है, तो डटकर चल।
*थोड़ा दुनियां से हटकर चल*।
लक पर तो सभी चल लेते है,
*कभी इतिहास को पलटकर चल*।
बिना काम के मुकाम कैसा?
*बिना मेहनत के, दाम कैसा*?
जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल
*तो राह में, आराम कैसा*?
अर्जुन सा, निशाना रख, मन में,
*ना कोई बहाना रख*।
जो लक्ष्य सामने है,
बस उसी पे अपना निशाना रख।
*सोच मत, साकार कर*,
अपने कर्मो से प्यार कर।
*मिलेंगा तेरी मेहनत का फल*,
किसी और का ना इंतज़ार कर।
*जो चले थे अकेले*
*उनके पीछे आज मेले हैं*।
जो करते रहे इंतज़ार उनकी
जिंदगी में आज भी झमेले है!
👏👏👏👏👏👏👏
💫 *सोच बदलो,जिंदगी बदलो!*💫
*आपकी सफलता में ही*
*हमारी सफलता है*